मूलांक 4 का स्वामी राहु ग्रह है। जिन व्यक्तियों का जन्म किसी भी महीने की 4, 13, 22, या 31 तारीख को होता है, उनका मूलांक 4 होता है। राहु का प्रभाव इन्हें मेहनती, नवाचारी और वास्तविकता से जुड़ा हुआ बनाता है। ये लोग व्यवस्थित और अनुशासनप्रिय होते हैं।
मूलांक ४ वाले महान क्रांतिकारी, वैज्ञानिक या राजनीतिज्ञ हो सकते है लेकिन इस अंक वालों को हठी के रूप में भी देखा गया है। लेकिन ये साहसी व्यवहार कुशल और चकित कर देने वाले कामों को करने में भी निपुण होते हैं।
यदि इनकी शिक्षा की बात की जाय तो ये अच्छी विद्या प्राप्त करते हैं लेकिन स्वभाव में गंभीरता की कमी के कारण विद्या में व्यवधान आने की सम्भावना भी रहती है। फ़िर भी ये शोध, विजली के काम एवं विचित्र विषयों में रुचि रखते हैं। गुप्त विद्या में भी इन्हें रुचि होती है।
ये दूसरों के साथ जल्दी ही मित्रता कर लेते हैं। ये मित्रों को खूब लाभ देते हैं लेकिन इन्हें मित्रों से अधिक लाभ नहीं मिल पाता। मूलांक १-२-७ वालों से इनका स्वाभाविक संबंध बन जाता है। मूलांक ८ वाले मित्रों से ये विशेष आकर्षित होते हैं लेकिन इन्ही के साथ इनका टकराव भी होता है तथा हानि भी उठानी पड़ती है।
ये लोग स्वतंत्र सोच रखने वाले और दृढ़ इच्छाशक्ति वाले होते हैं।
अपने जीवन में अनूठे और क्रांतिकारी विचार लाते हैं।
इन्हें नई तकनीक और प्रयोगों में रुचि होती है।
साहसी और स्पष्टवादी स्वभाव के कारण ये अपनी राय बेझिझक व्यक्त करते हैं।
कभी-कभी इनका स्वभाव विद्रोही या अलग हटकर चलने वाला हो सकता है।
जोखिम उठाने की प्रवृत्ति इन्हें अनोखा बनाती है।
नवाचार (Innovation): नई सोच और विचार लाने में माहिर होते हैं।
व्यवस्थित कार्यशैली: ये अपने कार्यों को योजनाबद्ध और अनुशासित तरीके से करते हैं।
धैर्यवान: अपने लक्ष्यों को पाने के लिए धैर्यपूर्वक कार्य करते हैं।
तार्किक दृष्टिकोण: हर समस्या का समाधान तर्क के आधार पर खोजते हैं।
कठिन मेहनत: परिश्रम और समर्पण इनके व्यक्तित्व की सबसे बड़ी ताकत है।
ईमानदारी: ये अपने कार्यों और रिश्तों में ईमानदार रहते हैं।
अति आत्मनिर्भरता: दूसरों की मदद लेने में संकोच करते हैं।
विद्रोही स्वभाव: कभी-कभी समाज के नियमों और परंपराओं के खिलाफ जा सकते हैं।
संवेदनशीलता: इनका मन असुरक्षा और चिंताओं से ग्रस्त हो सकता है।
अन्याय से नाराजगी: किसी भी प्रकार का अन्याय इन्हें गुस्से में ला सकता है।
अत्यधिक जोखिम उठाना: बिना सोचे-समझे जोखिम लेना समस्याएं पैदा कर सकता है।
मूलांक 4 वाले लोग व्यावहारिकता और नवीनता के कारण कई क्षेत्रों में सफल हो सकते हैं:
तकनीकी क्षेत्र: इंजीनियरिंग, प्रौद्योगिकी, और इनोवेशन में करियर बना सकते हैं।
प्रबंधन और प्रशासन: ये लोग उत्कृष्ट प्रशासक और मैनेजर बन सकते हैं।
व्यापार और उद्यमिता: खुद का व्यापार शुरू करने में इन्हें सफलता मिलती है।
विज्ञान और अनुसंधान: रिसर्च और डेवलपमेंट में गहरी रुचि होती है।
राजनीति और सामाजिक कार्य: ये अच्छे राजनेता और समाजसेवी बन सकते हैं।
मीडिया और क्रिएटिव फील्ड: फिल्म निर्माण, लेखन, और विज्ञापन क्षेत्र में भी ये सफल हो सकते हैं।
ये लोग अपने रिश्तों में वफादार और ईमानदार होते हैं।
अपने साथी की भावनाओं को समझते हैं और उन्हें प्रोत्साहित करते हैं।
हालांकि, इनका स्वभाव कभी-कभी नियंत्रण की प्रवृत्ति दिखा सकता है।
रिश्तों में संतुलन बनाए रखने की कोशिश करते हैं।
इन्हें अपनी भावनाओं को अधिक खुलकर व्यक्त करने की आवश्यकता होती है।
पारिवारिक जिम्मेदारियों को लेकर गंभीर रहते हैं।
राहु के प्रभाव से इन्हें मानसिक तनाव और अनिद्रा की समस्या हो सकती है।
हड्डियों और जोड़ों से संबंधित समस्याएं भी हो सकती हैं।
इन्हें नियमित व्यायाम और योग का अभ्यास करना चाहिए।
शराब और धूम्रपान जैसी आदतों से बचें।
स्वस्थ आहार और जीवनशैली अपनाने से इन्हें बेहतर स्वास्थ्य मिलेगा।
अपने विचारों और कार्यों में संतुलन बनाए रखें।
जोखिम उठाने से पहले पूरी योजना बनाएं।
दूसरों की मदद और सुझाव स्वीकार करने की आदत डालें।
अनुशासन और धैर्य को बनाए रखें।
नियमित ध्यान और योग से मानसिक शांति प्राप्त करें।
अपनी ऊर्जा को सही दिशा में लगाकर सफलता प्राप्त करें।
आपके लिए नीला रंग बहुत शुभ है आप अपने दीवार, फर्नीचर तथा सजावट के कपड़े का चुनाव नीला रंग से करने से आपको उन्नति होगा .
प्रत्येक शनिवार को राहु को शांत करने के लिए व्रत करें।
काले तिल और सरसों का तेल दान करें।
राहु मंत्र "ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहवे नमः" का जाप करें।
गाय को हरी घास और पक्षियों को भोजन दें।
पीपल के वृक्ष के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं।
राहु यंत्र को स्थापित करें और इसकी पूजा करें।
भगवान शिव:
भगवान शिव की पूजा राहु के नकारात्मक प्रभाव को कम करती है।
"ॐ नमः शिवाय" मंत्र का जाप करें।
देवी दुर्गा:
देवी दुर्गा की आराधना से मानसिक शांति और साहस प्राप्त होता है।
भैरव बाबा:
काल भैरव की पूजा राहु के दुष्प्रभाव को समाप्त करती है।
मूलांक 4 के लिए गोमेद (Hessonite Garnet) रत्न शुभ होता है।
यह राहु के नकारात्मक प्रभाव को कम करता है और जीवन में स्थिरता लाता है।
इसे चांदी या पंचधातु की अंगूठी में शनिवार के दिन मध्यमा (मध्य) उंगली में धारण करें।
पहनने से पहले इसे गंगाजल और दूध से शुद्ध करें और "ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहवे नमः" मंत्र का 108 बार जाप करें।
मूलांक 4 वाले लोग मेहनती, नवाचारी और वास्तविकता पर आधारित व्यक्तित्व रखते हैं। राहु के प्रभाव से ये साहसी और जोखिम लेने वाले होते हैं। हालांकि, इन्हें असुरक्षा और तनाव से बचने की आवश्यकता है। अपने नवाचार और मेहनत से ये जीवन में बड़ी ऊंचाइयों तक पहुंच सकते हैं।
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