हार्ट के रोगियों के लिए ज्यादा सर्दी बेहद खतरनाक है अधिक ठंड के कारण हृदय रोगियों को अटैक का खतरा 30 प्रतिशत तक बढ़ जाता है। इसलिए इस मौसम में Heart care करना यानि दिल को स्वस्थ रखने के लिए विशेष ख्याल रखना बेहद जरूरी होता है। इस आर्टिकल में जानेंगे ठंड में क्यों बढ़ जाता है हार्ट अटैक का खतरा और इस मौसम में दिल को स्वस्थ रखने के आसान उपाय यानि Winter heart care tips क्या है।

सर्दी के मौसम में रात दिन के तापमान में होने वाले कम अंतर के कारण यह समय हार्ट रोगियों के लिए जानलेवा साबित हो सकता है। इस समय हृदय की बीमारी से ग्रस्त रोगियों की मौत का आंकड़ा काफी बढ़ जाता है। इसलिए सर्दियों के मौषम में आम दिनों के बजाय अधिक Heart care करने की आवश्यकता होती है।

डॉक्टर का कहना है की सर्दियों के दिनों में हार्ट रोगियों के लिए अटैक का खतरा सामान्य मौसम की तुलना में अधिक रहता है और इस मौसम में सांस की प्रॉब्लम भी काफी बढ़ने लगती है।

इसलिए सर्दियों के मौसम में दिल को स्वस्थ रखने के लिए Extra heart care यानि कुछ विशेष उपाय करने आवश्यक है, खासकर अगर आप दिल के मरीज है तो ठंड में अपने दिल का ख्याल रखना बेहद जरूरी हो जाता है।

ठंड के समय हृदय को स्वस्थ और मजबूत रखने के लिए नियमित खानपान और दिनचर्या में कुछ सामान्य से बदलाव करने बेहद जरूरी होते हैं।

सर्दियों में हार्ट अटैक होने के कारण

बढ़ती हुई ठंड के साथ-साथ हेल्थ से जुड़ी कई तरह की समस्याओं का खतरा भी बढ़ने लगता है क्योंकि ठंड के मौसम में इम्यून सिस्टम कमजोर होना स्वाभाविक है। जिसके कारण बॉडी आसानी से मौसमी बीमारियों या किसी संक्रमण का शिकार हो सकती है। साथ ही ठंड आते ही दिल के दौरे के मामले भी काफी तेजी से बढ़ने लगते हैं।

हृदय रोगियों के साथ-साथ उम्रदराज लोगों में भी सर्दियों के मौसम में हार्ट अटैक ज्यादा होने का खतरा सदैव बना रहता है क्योंकि अधिक ठंड के कारण रक्त वाहिकाएं यानि कोरोनरी धमनियां सिकुड़ जाती है, इससे ब्लड प्रेशर बढ़ने और दिल का दौरा या स्ट्रोक का खतरा अधिक बढ़ सकता है।

ठंड के मौसम में हमारी दिनचर्या और खान-पान में भी काफी बदलाव होता है इस मौसम में शारीरिक गतिविधियां कम होने के साथ-साथ खान-पान पर अधिक जोर दिया जाता है।

सर्दी में इन लक्षणों को न करें नजरअंदाज

जैसे जैसे सर्दी बढ़ती है उम्रदराज ह्रदय रोगियों में से कुछ लोगों में कुछ लक्षण दिखाई देने लगते हैं अगर इन निम्नलिखित लक्षणों को नजरअंदाज किया जाता है तो ये हार्ट अटैक का कारण भी बन सकते हैं।

  • हार्ट की धड़कन अनियमित होना

  • सांसों का सामान्य से तेज होना

  • चलने फिरने के दौरान चक्कर आना

  • सीढ़िया चढ़ने या कोई काम करते समय सांस फूलना

  • कोई काम करते समय छाती में दर्द होना

  • कंधे या गर्दन में दर्द होना

सर्दियों में क्यों बढ़ता है ह्रदय रोगों का खतरा

सर्दियों के मौसम में ब्लड में गाढ़ापन काफी बढ़ता है साथ ही नाड़ियों में भी सिकुड़न होती है। इसके कारण बॉडी में रक्त का संचार प्रभावित होता है। इससे ब्लॉकेज बढ़ने की आशंका काफी बढ़ जाती है।

बॉडी टेम्परेचर या शरीर की गर्माहट को बढ़ाने के लिए हार्ड को ज्यादा पंपिंग करनी पड़ती है। हार्ट की नाड़ियों में क्लॉट या संकुचन से रक्त प्रवाह कम होने और दूसरी तरफ पंपिंग बढ़ने से हार्ट अटैक आता है।

सामान्य दिनों के बजाय ठंड में अटैक अधिक होता है क्योंकि इस मौसम में ज्यादातर मानव शरीर में अनियंत्रित ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल के साथ साथ शुगर भी अनियमित हो जाता है। अन्य दिनों की तुलना में सर्दियों के समय अधिक भारी व फैट से भरपूर पदार्थों का सेवन भी ज्यादा किया जाता है।

साथ ही धूम्रपान या शराब का उपयोग भी इस समय अधिक बढ़ जाता है। इन्ही सभी कारणों से सर्दियों में हार्ट अटैक का खतरा काफी अधिक बढ़ जाता है।

इसके अलावा ठंड के समय वातावरण में होने वाला बदलाव भी दिल के रोगों का खतरा बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। ठंड के समय धुंध, धूल, धुंआ और अन्य तरह के अनेकों बारीक कण वातावरण के निचले हिस्से में अधिक रहते हैं जो हमारे नाक और सांस के जरिये सांस नली और फेफड़ों तक पंहुचकर संक्रमण को बढ़ाने में मुख्य भूमिका निभाते हैं।

सर्दी में हमारी सांस नली में बनने वाला म्यूकस द्रव्य भी ज्यादा बढ़ जाता है, जिसके कारण सांस नली में सिकुड़न होने से सांस लेने में परेशानी होने के साथ साथ एलर्जी जैसी समस्याएं भी तेजी से बढ़ती है।

सर्दियों में हार्ट को हेल्दी कैसे रखें : How to keep heart healthy in winter

ठंड के मौसम में हमेशा दिल को स्वस्थ रखने के लिए कुछ ऐसे बचाव या उपाय करने चाहिए जो दिल के रोगों का खतरा कम करने में सहायक हो।

जिन लोगों की उम्र ज्यादा है या जो दिल के रोग से पीड़ित है उन लोगों को ठंड के मौसम में नियमित समय पर दवा का उपयोग करना चाहिए तथा शरीर को हमेशा गर्म कपड़ों से ढककर रखना चाहिए।

इसके साथ-साथ हल्की इंडोर एक्सरसाइज करना भी दिल के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है। इनके अलावा निचे दिए गए कुछ कुछ अन्य आसान से उपाय जो दिल को स्वस्थ रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

हार्ट को हेल्दी रखने के लिए हेल्दी डाइट

ठंड के मौसम में खानपान को अधिक महत्व दिया जाता है, ऐसे में हमेशा के लिए दिल को स्वस्थ रखने के लिए आवश्यक है कि अपनी नियमित डाइट में शरीर के लिए आवश्यक पोषक तत्वों युक्त खाद्य पदार्थों को शामिल करना चाहिए।

इसके लिए ताजे फल, हरी सब्जियां, नट्स के साथ साथ विटामिन सी युक्त पदार्थों को भी अपनी डाइट में शामिल किया जाना दिल के स्वास्थ्य के लिए लाभकारी सिद्ध होता है।

इसके अलावा सर्दियों के मौसम में दिल को स्वस्थ और मजबूत रखने के लिए पोटेशियम भी बेहद लाभकारी है, इसलिए ठंड के मौसम में पोटेशियम युक्त फल और सब्जियों को अपनी डाइट में अधिक शामिल करना चाहिए।

दिल को स्वस्थ रखने के लिए स्ट्रेस मैनेजमेंट

ज्यादा तनाव या खराब मानसिक स्वास्थ्य का दिल पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है। अत्यधिक तनाव दिल के रोगों का खतरा बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

इसलिए हमेशा तनाव मुक्त और प्रसन्न रहने का प्रयत्न करना दिल के स्वास्थ्य के लिए बेहद जरूरी होता है विशेष कर सर्दियों के मौसम में तो यह और भी महत्वपूर्ण हो जाता है।

हेल्दी हार्ट के लिए नियमित योग एक्सरसाइज

नियमित योग और एक्सरसाइज करना संपूर्ण स्वास्थ्य के साथ-साथ दिल के लिए भी बेहद लाभकारी है। ऐसी शारीरिक गतिविधियां हृदय रोगों का खतरा कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

नियमित योग एक्सरसाइज करने से बॉडी में रक्त प्रवाह सुचारू रूप से बना रहता है तथा ब्लड प्रेशर को भी नियंत्रित रखने में काफी मदद मिलती है।

इसलिए सर्दियों के मौसम में योग एक्सरसाइज जैसी गतिविधियों को नियमित करने को प्राथमिकता देना चाहिए।

हार्ट को हेल्दी रखने के लिए क्या नहीं करें : Avoid this for heart care in hindi

दिल के मरीजों के साथ साथ स्वस्थ लोगों को भी अपने दिल को स्वस्थ रखने के लिए कुछ सावधानियां बरतने की आवश्यकता होती है।

1. अल्कोहल और धूम्रपान से बचना चाहिए

शराब और धूम्रपान के इस्तेमाल से हमारे दिल के स्वास्थ्य पर काफी विपरीत प्रभाव पड़ता है शराब और धूम्रपान से ब्लड प्रेशर भी अनियंत्रित हो सकता है।

इसलिए जो लोग हृदय संबंधी समस्याओं से ग्रसित है या भविष्य में अपने हृदय को सुरक्षित रखना चाहते हैं तो शराब या धूम्रपान से परहेज करना बेहद जरूरी है।

2. पानी या तरल पदार्थों का अधिक उपयोग न करें

सर्दियों के मौसम में उम्रदराज लोगों या जिनको हृदय रोग है उन्हें तरल पदार्थ या पानी का उपयोग सीमित मात्रा में ही करना चाहिए, क्योंकि दिल का काम शरीर में मौजूद रक्त के साथ लिक्विड को पंप करने का भी होता है।

इसलिए जिन लोगों को दिल की बीमारी है उनके दिल को वैसे भी पंप करने में ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है। ऐसे में अगर आप बहुत ज्यादा पानी पी लेंगे तो हार्ट को पंपिंग में और भी मेहनत करनी पड़ेगी और हार्ट अटैक का खतरा बढ़ सकता है।

लेकिन इसका ये मतलब भी नहीं है कि पानी नही पीना चाहिए क्योंकि बॉडी को हाइड्रेट रखने के लिए पानी जरूरी है। कई लोग सुबह उठकर तो तीन गिलास पानी पीते हैं। ऐसा करने से बचना यानि एक बार में ज्यादा पानी नहीं पीना चाहिए।

3. नमक का उपयोग कम करें

हृदय रोगियों के लिए नमक का अधिक इस्तेमाल बेहद नुकसानदेह होता है इसलिए दिल के मरीजों को अपने नियमित आहार में नमक की मात्रा को कम रखना चाहिए।

क्योंकि नमक हमारे शरीर में ब्लड प्रेशर को बढ़ाने के साथ-साथ पानी को भी रोकता है इससे हार्ट को अधिक मात्रा में लिक्विड को पंप करना पड़ता है, जिससे हार्ट का काम काफी बढ़ जाता है और इसके कारण हार्ट अटैक का खतरा अधिक रहता है।

4. ठंड में सुबह की सैर अवॉयड करें

जिन लोगों की उम्र 60 वर्ष या उससे अधिक है तथा जिन्हें पहले से हार्ट प्रॉब्लम है। ऐसे लोगों को सर्दी के मौसम में अधिक सावधान रहने की आवश्यकता है ऐसे लोग ठंड के दिनों में सुबह जल्दी बिस्तर न छोड़ें और न हीं सर्दियों में सुबह जल्दी Morning walk पर जाएं,

क्योंकि अधिक ठंड के कारण नसें पहले से ही सिकुड़ी हुई होती है और जब हम ठंडे वातावरण के संपर्क में आएंगे तो बाहर की सर्दी के कारण शरीर को अपने आप को गर्म बनाए रखने के लिए ज्यादा मेहनत करनी होगी इससे दिल पर लोड बढ़ेगा और दिल को ज्यादा काम करना होगा।

इसलिए उम्रदराज या ह्रदय रोगियों को सैर पर जाने के लिए धूप या दोपहर का समय चुनना चाहिए।

हार्ट को स्वस्थ रखने के लिए क्या खाएं / Good foods for healthy heart in hindi

फलों का सेवन – Fruits for healthy heart in hindi

ताजे फल जैसे स्ट्रॉबेरी, ब्लूबेरी, तरबूज, आड़ू आदि आवश्यक पोषक तत्वों और एंटीऑक्सिडेंट का एक बड़ा स्रोत हैं जो दिल के स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण माने जाते हैं आहार में नियमित फलों का सेवन हृदय सम्बंधी विकारों, हृदय रोग, स्ट्रोक, अटैक आदि के जोखिम को कम कर सकता है।

फल फाइबर से भरपूर हैं यह रक्त में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करते हैं। इनमें पॉलीफेनोल्स भी मौजूद होते हैं, जो सूजन को कम करने मददगार हैं तथा ऑक्सीडेटिव तनाव से भी बचाते हैं।

कुछ फलों में पोटैशियम की मात्रा भी अधिक होती है, जो ब्लड प्रेशर के स्तर को कम करने और हृदय की सेहत को बेहतर बनाने के लिए आवश्यक है सलाद, स्मूदी, जूस या नाश्ते के रूप में इनका इस्तेमाल कर सकते हैं।

आम

आम को गर्मियों के सबसे लोकप्रिय फलों में से एक माना जाता है आम पौष्टिक होने के साथ साथ इसमें प्रोटीन, फाइबर, पोटेशियम और अन्य विटामिन भी मौजूद होते हैं,

जो दिल की सेहत को बेहतर बनाने (Healthy heart) में आपकी मदद कर सकते हैं। दिल के स्वास्थ्य और रक्तचाप के लिए पोटेशियम बढ़ाना और सोडियम का सेवन कम करना बहुत फायदेमंद है।

पपीता

पपीता एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होने के साथ साथ फाइबर, विटामिन सी से भी भरपूर होता है पपीता को खा भी सकते हैं और इसका शेक बनाकर भी पी सकते हैं,

पपीते में मौजूद पैपिन दिल और त्वचा के लिए फायदेमंद होता है क्योंकि यह सूजन को भी कम करता है। पपीता पाचन तंत्र को दुरुस्त रखने और कब्ज से राहत दिलाने में भी सहायक होता है।

सब्जियों का सेवन – Vegetable for heart patients in hindi

ताजी और हरी सब्जियां जैसे तोरी, बैंगन, ब्रोकली, तर, ककड़ी, बेल, हरी मिर्च आदि आवश्यक खनिजों से भरे होते हैं जो दिल की सेहत को ठीक रखने में मददगार होते हैं।

सब्जियां फाइबर का एक अच्छा स्रोत हैं, जो वजन कंट्रोल रखने, कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने, ब्लड प्रेशर कंट्रोल करने, सूजन को कम करने और सम्पूर्ण हृदय की सेहत में सुधार करने में सहायक हैं।

विशेषज्ञों के अनुसार, बैंगन विटामिन बी और फोलेट का एक उत्कृष्ट स्रोत है, जो दिल का दौरा पड़ने के जोखिम को काफी कम करता है।

फलियां भी सम्पूर्ण स्वास्थ्य को हेल्दी रखने के साथ साथ दिल को मजबूत और हेल्दी (Healthy heart) बनाने में लाभदायक होती है।

नट्स का सेवन – Dry fruits for healthy heart in hindi

रोजाना एक मुट्ठी ड्राई फ्रूट्स का लगातार सेवन करने से दिल के रोगों का खतरा काफी कम हो जाता है तथा हार्ट और हार्ट की मांसपेशियां मजबूत होती है।

नट्स उच्च प्रोटीन, स्वस्थ वसा, विटामिन और खनिजों का एक बड़ा स्रोत हैं, ड्राई फ्रूट्स फाइबर का भी एक बहुत अच्छा स्रोत होते हैं, जो दिल के स्वास्थ्य, पाचन क्रिया और वजन प्रबंधन में मददगार होते हैं।

रोज नट्स खाने से उच्च रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद मिलती है जिससे हृदय रोग का खतरा काफी कम होता है।

इसके अलावा यह मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर करने, सूजन को कम करने और एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भी भरपूर होते हैं

इसलिए नट्स का सेवन सभी तरह की बीमारियों से बचाने और इम्यून सिस्टम मजबूत करने के साथ दिल को हेल्दी रखने में मदद करते हैं।

बीजों का सेवन – Seeds for healthy heart in hindi

बीजों का इस्तेमाल सम्पूर्ण स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद माना जाता है क्योंकि इनमें अनेक पोषक तत्व और औषधीय गुण मौजूद होते हैं। बीजों में उच्च फाइबर मौजूद होने के साथ साथ इनमें हेल्दी फैट, वेज प्रोटीन और एंटीऑक्सीडेंट्स गुण भी प्रचुर मात्रा में पाये जाते है।

इन बीजों को अगर अपने नियमित आहार में शामिल किया जाए तो बहुत सी सामान्य बीमारियां जैसे डायबिटीज, रक्तचाप, कोलेस्ट्रोल, दिल के रोग आदि से आसानी से बचा जा सकता है, तथा

और भी बहुत सी खतरनाक बीमारियों से बचाने में भी ये बीज मददगार होते हैं। दिल के रोगों के खतरे को कम करके दिल को मजबूती प्रदान करने में बीज बहुत फायदेमंद होते हैं।

ओमेगा-3 फैटी एसिड – Omega 3 for healthy heart in hindi

अलसी के बीज सेहत के लिए गुणकारी और Healthy heart के लिए बहुत फायदेमंद माने जाते हैं इसलिए अलसी का सेवन हर किसी इंसान को अवश्य करना चाहिए क्योंकि अलसी के फायदे अनगिनत होते है।

अलसी में ओमेगा 3 फैटी एसिड और फाइबर मुख्य रूप से होने के साथ-साथ इसमें विशेष रूप से अल्फा लिनोलेनिक एसिड भी भरपूर मात्रा में होता है। इन अलसी के बीजों का सेवन रक्तचाप और कोलेस्ट्रोल को नियंत्रित रखता है तथा हृदय रोगों के जोखिम से बचाता है।

ओमेगा -3 फैटी एसिड का सेवन स्ट्रोक और दिल के दौरे के जोखिम को कम करने के साथ साथ बेड कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने और गुड कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ाने में मदद करता है।

सैल्मन में उच्च स्तरीय प्रोटीन और सैचुरेटेड फैट कम होता है, जो दिल की सेहत के लिए बेहद फायदेमंद होता है।

दिल कमजोर क्यों होता है

हार्ट के कमजोर होने के अनेकों कारण है आज के समय हार्ट अटैक का हार्ट फेलियर के कारण युवावस्था में ही लोगों की मौत हो रही है।

दिल के के कमजोर होने का मुख्य कारण हमारा लाइफस्टाइल और खानपान तथा परिवारिक हार्ट डिजीज हिस्ट्री हो सकता है।

आजकल मैदे से बनी हुई वस्तुएं या फास्ट फूड जंक फूड का अधिक प्रयोग होने के कारण दिल कमजोर होने लगता है।

दिल को मजबूत करने के लिए क्या करना चाहिए  : Healthy heart tips in hindi

सुबह की धूप लेना

शरीर में होने वाली विटामिन डी की कमी भी दिल की बीमारी का कारण बनती है। इससे कैंसर, डायबिटीज, मोटापे आदि का खतरा भी बढ़ता है। इसलिए रोज 15 से 20 मिनट सुबह की धूप में बिताने से विटामिन डी की कमी पूरी होती है और तनाव भी कम होता है।

विटामिन डी वाला भोजन जैसे पनीर, संतरे का रस, सोया दूध आदि का नियमित सेवन करना दिल के स्वास्थ्य के लिए जरूरी होता है।

पानी का पर्याप्त मात्रा में सेवन करना

कम पानी पीने वालों की तुलना में नियमित 7 से 10 गिलास पानी पीने वाले लोगों में दिल का दौरा पड़ने की आशंका बहुत कम हो जाती है। ज्यादा पानी पीने से शरीर हाइड्रेट बना रहता है व इससे ब्लड सर्कुलेशन भी अच्छा रखता है।

जबकि डिहाइड्रेशन से ब्लड सर्कुलेशन गिर जाता है। व ब्लड क्लॉट का जोखिम बढ़ जाता है जो हृदय के लिए बहुत ही हानिकारक होता है। इसलिए Healthy heart के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी पीना चाहिए।

नियमित पैदल चलना

रोजाना हर घंटे 5 मिनट चलना दिल के स्वास्थ्य यानि Healthy heart के लिए बहुत ही लाभदायक होता है। क्योंकि आजकल तो चालीस की उम्र के आसपास ही हृदय की मांसपेशियां सख्त होने लगती है। इससे पूरे शरीर में रक्त को पंप करना मुश्किल हो जाता है इसे डायस्टोलिक डिस्फंक्शन कहते हैं।

ऐसा तनाव में भी होता है और लगातार बैठे रहने के कारण भी। क्योंकि लगातार 1 घंटे बैठे रहने में 50 कैलोरी, खड़े रहने में 88 कैलोरी और पैदल चलने पर 200 से ज्यादा कैलोरी बर्न होती है।

इसलिए पैदल चलने को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाकर ह्रदय को स्वस्थ और मजबूत रख सकते है।

रात का उपवास करना

शरीर के मेटाबॉलिज्म फंक्शन्स को रिपेयर करने के लिए उसे रोज ब्रेक की जरूरत होती है। ऐसे में उसे रोज रात में कम से कम 11 घंटे आराम देना जरूरी होता है। देर रात में स्नैक्स से बचना आवश्यक है क्योंकि इससे ब्लड फैट, शुगर बढ़ता है जो सीधे हार्ट की हेल्थ को प्रभावित करता है।

कोशिश करनी चाहिए कि शाम 7 बजे के बाद कुछ ना खाया जाए और पर्याप्त मात्रा में 7 से 8 घंटे नींद भी दिल को स्वस्थ व मजबूत रखने के लिए जरूरी होती है।

भोजन समय पर करना

कई बार लोग काम की व्यस्तता या तनाव आदि के कारण खाने-पीने का पैटर्न बदल लेते हैं। नियमित समय की जगह देर से खाना और देर से सोना पड़ता है। इससे हार्ट सहित शरीर के अन्य अंगों की सकेंडियम रिदम बिगड़ जाती है।

अगर आप नियमित ज्यादा कैलोरी लेते हैं या कम सोते हैं तो ब्लड प्रेशर 10% तक बढ़ सकता है यह दिल के लिए बहुत ही हानिकारक संकेत होता है। इसलिए अपना नियमित भोजन समय पर ही करें यह स्वस्थ रहने और निरोगी जीवन के लिए आवश्यक होता है।

योग और व्यायाम करना

शरीर को निरोगी, Healthy heart और स्वस्थ रखने के लिए नियमित आधा से एक घंटा योग और व्यायाम अवश्य करना । रोजाना एरोबिक एक्सरसाइज करें जैसे ब्रिस्क वॉकिंग, साइकिल राइडिंग, स्विमिंग जंपिंग आदि।

इनसे  हृदय मजबूत होगा, वजन नियंत्रित रहेगा, कोलेस्ट्रोल कम होगा व शरीर स्वस्थ और निरोगी रहेगा। अगर एक व्यस्क व्यक्ति हफ्ते में दो से तीन घंटे तक योग व व्यायाम करता है तो उसमें हार्ट अटैक का जोखिम 60% तक कम हो सकता है।

यूरिनेट समय पर त्यागना

शरीर को स्वस्थ रखने के लिए जब भी पेशाब लगे तो उसे रोकना नहीं चाहिए तुरंत ही करना चाहिए। क्योंकि जब ब्लैडर पूरी तरह से भर जाता है तब हार्ट बीट्स बढ़ जाती है।

नसों में खिंचाव होता है व हार्ट अटैक का खतरा भी बढ़ जाता है इसलिए बार-बार व समय पर यूरिनेट बहुत ही जरूरी होता है।

पौस्टिक आहार का सेवन

चुकंदर में नाइट्रेट्स होता है जो रक्त में नाइट्रिक ऑक्साइड में बदल जाता है। यह रक्त वाहिकाओं को भी चौड़ा करता है। इसलिए नियमित डेढ़ सौ ग्राम चुकंदर का सेवन अवश्य करना चाहिए।

इसके अलावा अलसी में फाइबर, omega-3s और लिग्नास नामक एंटीऑक्सीडेंट प्लांट कंपाउंड पाया जाता है।

अलसी ब्लड शुगर और इंसुलिन घटाती है व इन्सुलिन सेंसटिविटी बढ़ाती है। इसलिए नियमित एक से दो चम्मच अलसी का सेवन जरूर करना चाहिए।

अखरोट और बादाम का सेवन

लो फैट युक्त खाद्य पदार्थों से डबल हेल्दी सेचुरेटेड फेट्स का स्रोत ड्राई फ्रूट्स होते हैं। इनमें विटामिन ई, मैग्नीशियम, कॉपर, जिंक और फाइटोकेमिकल्स पाए जाते हैं जो हार्ट को हेल्दी रखने (Healthy heart) में बहुत ही सहायक होते हैं।

हार्ट के मरीज को क्या नहीं खाना चाहिए

ह्रदय संबंधी समस्याएं होने के बाद अधिक मात्रा में कॉफी, चाय, सोडा, एनर्जी ड्रिंक्स तथा अधिक गैस उत्पन्न करने वाले पदार्थ आदि का परहेज करना आवश्यक होता है क्योंकि इन सभी के अधिक सेवन से रक्तचाप यानी ब्लड प्रेशर बढ़ता है जो हमारे दिल के लिए नुकसानदेह होता है।

दिल के रोगों से बचने के लिए कोलेस्ट्रोल लेवल बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थों का सेवन बहुत ही कम मात्रा में करना चाहिए या बिलकुल ही अवॉइड कर सकते हैं तो और भी अच्छा रहेगा।

हृदय रोग में डाइट चार्ट : Best Diet for Heart patients in hindi

इस Diet for Heart patients का पालन करने से ना सिर्फ दिल के रोगों से बच सकते हैं बल्कि शरीर को स्वस्थ व अनेक बीमारियों से भी बचा सकते हैं।

दिल के रोगी को हमेशा पौष्टिक व संतुलित आहार का सेवन करना लाभदायक होता है ऐसे रोगी को ऐसे खाद्य पदार्थों का सेवन करने से बचना चाहिए जिनके सेवन से गैस्टिक समस्याएं उत्पन्न होती हो क्योंकि गैस दिल के रोगी के लिए बहुत हानिकारक होती है। दिल के रोगी के लिए संतुलित आहार है जैसे

सुबह 6 बजे = दिल के मरीज को सुबह उठते ही एक गिलास गुनगुने जल में आधा नींबू का रस मिलाकर सेवन करना चाहिए।

नींबू पानी से एक घंटा बाद एक गिलास मिलाई रहित दूध में चीनी या शक्कर डालकर पीना चाहिए। अगर ड्राई फ्रूट का इस्तेमाल करना चाहे तो दूध के साथ कर सकते हैं। नहीं तो कोई एक फ्रूट भी खा सकते हैं।

सुबह 9 बजे = सुबह 9 बजे के लगभग अंकुरित अनाज का सेवन करना लाभदायक होता है। और एक कटोरी दलिए का सेवन भी कर सकते है।

दोपहर 12 बजे = दोपहर के भोजन में चोकर युक्त दो चपाती, एक कटोरी छिलके वाली दाल, एक छोटी कटोरी चावल, हरी सब्जी, दही या छाछ और सलाद का सेवन करना चाहिए।

दोपहर 3 बजे = एक कप चाय और बिस्किट या मूंगफली आदि चाय के साथ खा सकते हैं।

शाम 6 बजे = कोई भी एक फल मौसम के अनुसार खा सकते हैं। जो आपको अच्छा लगता हो।

रात 8 बजे = रात का भोजन हल्का और आराम से पचने वाला होना चाहिए और भोजन से पहले सलाद व फल का सेवन करें उसके बाद आपके शरीर के सामर्थ्य अनुसार हल्का भोजन करें।

रात को सोने से पहले बिना मलाई वाला एक गिलास दूध का सेवन करना फायदेमंद होता है।

हृदय रोग में क्या खाएं (what to eat in heart disease in hindi)

हार्ट के रोगी को पोषक तत्वों युक्त भोजन व सात्विक आहार का सेवन करना दिल को स्वस्थ बनाने में मददगार होता है। इसके अलावा कुछ मुख्य आहार है जैसे

  • चोकर युक्त अनाज जौ, गेहूं ज्वार, बाजरा आदि का सेवन करना चाहिए

  • हार्ट के रोगी को सेव व आंवले के मुरब्बे का सेवन अवश्य करना चाहिए क्योंकि इन्हें दिल के लिए अच्छा माना गया है। इसके अलावा लहसुन का भी नियमित सेवन करना उपयोगी होता है।

  • दालों में मूंग, अरहर, मसूर, सोयाबीन और मटर का सेवन करना चाहिए

  • दिल के रोगी को सब्जियों में लौकी, परवल, करेला, तोरई, टिंडों, टमाटर, पालक, ब्रोकली, हरा धनिया, मेथी, गाजर, लहसुन, शिमला मिर्च आदि का सेवन करना लाभदायक होता है।

  • फलों में सेव, स्ट्रॉबेरी, काला अंगूर, अमरूद, पपीता, नाशपाती, केला, आलूबुखारा, अनार आदि फलों का सेवन करना चाहिए

  • सूखे मेवों में अखरोट, चैरी, बादाम, अंजीर, ब्लूबेरी, क्रेनबेरी आदि का सेवन करना चाहिए

हृदय रोगी को क्या नहीं खाना चाहिए (what not to eat in heart disease in hindi)

दिल के रोगी को ऐसे आहार का सेवन नहीं करना चाहिए जिनमें प्रोटीन और फैट अधिक मात्रा में पाए जाते हो और जो डाइजेशन में ज्यादा समय लेते हो जैसे

  • मैदा व चावल और इन से बनी हुई चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए

  • दाल में उड़द की दाल का सेवन नहीं करना चाहिए

  • दिल के रोगी को सब्जियों में बैंगन, शकरकंद, कटहल, अरबी, बथुआ, चौलाई, सिंघाड़ा आदि का सेवन नहीं करना चाहिए।

  • हार्ट के रोगी को समुंद्री नमक, पैकेट फूड, अंडा,  फास्ट फूड, जंक फूड, ज्यादा मिर्च मसाले, डिब्बाबंद खाद्य पदार्थ, मांसाहार, अल्कोहल, ज्यादा तेल या तैलीय पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए।

दिल के रोगी की जीवन शैली

हार्ट रोगियों को स्वस्थ रहने और दिल रोगों से बचने के लिए खानपान (Diet for Heart patients) के साथ अपनी दैनिक जीवन शैली में कुछ आवश्यक बदलाव अवश्य करने चाहिए जैसे

  • ध्यान, योग व प्राणायाम को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाएं

  • नियमित 7 से 8 घंटे पर्याप्त नींद अवश्य लेनी चाहिए

  • अत्यधिक तनाव व चिंता से मुक्त रहना चाहिए

  • धूम्रपान अल्कोहल आदि नशीले पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए

  • दिन और रात का भोजन समय पर करना चाहिए

  • भोजन करने के बाद नियमित कुछ कदम अवश्य चलना चाहिए

  • घर में बना ताजा भोजन व हल्का गर्म भोजन करना चाहिए

  • भोजन चबा चबा कर व धीरे-धीरे करें

  • सुबह जल्दी उठने को अपनी दिनचर्या में शामिल करें

हार्ट ब्लॉकेज के लक्षण (Heart disease symptoms in hindi)

हार्ट ब्लॉकेज अलग-अलग स्टेज पर होती है। शुरुआती स्टेज में कोई लक्षण नहीं होते। सेकंड स्टेज में लक्षण आना शुरू होते हैं। शुरुआत में दिल की धड़कन का कम होना शुरू होता है। सेकंड या थर्ड स्टेज में हार्ट अटैक का दौरा भी पड़ सकता है। इसलिए इस स्टेज में इलाज की जरूरत होती है। हार्ट ब्लॉकेज के अन्य भी कई लक्षण है। जैसे

बार बार सिर में दर्द होना, चक्कर आना बेहोशी होना, सांस का फूलना, अधिक पसीना आना, छाती में भारीपन व दर्द होना, चलने व सीढ़ियां चढ़ने पर सांस फूलना, थकान अधिक होना, गर्दन बाजू व पीठ में दर्द होना, कमजोरी व ठंड लगना नींद ज्यादा आना आदि।

हार्ट ब्लॉकेज रोकने के घरेलू उपचार (Ayurvedic treatment for heart disease in hindi)

अर्जुन की छाल

इसका प्रयोग ह्रदय से जुड़ी बीमारियां जैसे कोलेस्ट्रोल, ब्लड प्रेशर, आर्टरी ब्लॉकेज, कोरोनरी आर्टरी डिजीज आदि के इलाज में अर्जुन की छाल का नियमित इस्तेमाल फायदा पहुंचाता है। यह कोलेस्ट्रोल को नियंत्रित रखता है और दिल को स्वस्थ रखने में सहायक है।

आयुर्वेद के अनुसार अर्जुन छाल का उपयोग हार्ट ब्लॉकेज में किया जा सकता है। इसकी छाल को पानी में उबालकर तुलसी व नींबू डालकर नियमित सेवन करना ह्रदय रोग में फायदा पहुंचाता है।

दालचीनी

वैसे तो दालचीनी का उपयोग अनेक बीमारियों में किया जाता है लेकिन हार्ट ब्लॉकेज के उपचार के लिए यह एक बहुत ही कारगर औषधि है। यह खराब कोलेस्ट्रोल को कम करती है व ब्लड को पतला करके हृदय को मजबूती प्रदान करती है।

इसमें मौजूद ऑक्सिडाइजिंग तत्व हमारे शरीर के लिए उपयोगी है। इसके नियमित इस्तेमाल करने से फेफड़ों को मजबूती मिलती है और दिल की बीमारियां कंट्रोल होती है।

अलसी

अलसी के बीज रक्तचाप और सूजन को कम करने में आपकी मदद करते हैं। यह अल्फलिनोसेनिक एसिड का अच्छा स्रोत होता है। यह हृदय की धमनियों को नियमित साफ करने में सहायता करता है।

इसमें फाइबर भी अधिक मात्रा में पाया जाता है जोकि हमारे आमाशय और लीवर को शुद्ध रखने व पाचन तंत्र को मजबूत करने में हमारी मदद करता है।

लहसुन

यह रक्त वाहिकाओं को चौड़ा करके रक्त परिसंचरण में सुधार करने में बहुत सहायता करता है। यह खराब कोलेस्ट्रोल के स्तर को कम करने में भी सहायक होता है। वह हार्ट अटैक और स्ट्रोक के खतरे को भी कम करने में सहायता करता है।

हृदय रोगों से बचाव के लिए सुबह उठते ही एक या दो लहसुन की कलियां चबाकर खाएं इसके अलावा ब्लॉकेज होने पर दो से तीन कली 150 ml से 200ml दूध में उबालें।

जब दूध आधा बच्चे तो इसे रात को सोते समय पीकर सो जाएं। इसका नियमित प्रयोग करने से दिल की बीमारियों के खतरों से बचा जा सकता है। साथ ही यह प्रयोग लकवा पैरालाइसिस के उपचार में भी लाभदायक होता है।

हल्दी

यह दिल की बीमारियों से बचाव करने में बहुत लाभदायक है। हल्दी रक्त वाहिकाओं को खोलने में सहायक है। इसमें पाया जाने एंटीऑक्सीडेंट और anti-inflammatory गुण ब्लड को जमने से रोकने में भी बहुत सहायता करता है हल्दी खून साफ रखती है।

हृदय रोगों से बचने के लिए नियमित रात को सोते वक्त गर्म दूध में हल्दी मिलाकर सेवन करना चाहिए।

लौकी का ज्यूस

लौकी का जूस नियमित पीने से ब्लड में अम्लता घट जाती है और ब्लॉकेज भी खुल जाती है। हार्ट अटैक का आयुर्वेदिक उपचार करने के लिए क्षारीय वस्तुएं खाने की सलाह दी जाती है। लौकी के जूस में तुलसी की पत्तियां, नींबू का रस, पुदीना व सेंधा नमक मिलाकर पीने से ह्रदय रोगी को बहुत लाभ पहुंचता है।

यह रक्तचाप व कोलेस्ट्रोल को नियंत्रित करता है। इसलिए लौकी के जूस का नियमित सेवन करना दिल की बीमारियों से बचाने में बहुत मददगार होता है।

पीपल के पत्ते

हृदय को स्वस्थ और मजबूत रखने में पीपल के पत्ते बहुत लाभदायक होते हैं। ब्लॉकेज होने पर 5 से 6 पीपल के कोमल पत्ते, 5 से 6 तुलसी की पत्तियां लेकर 200 ml पानी में उबालें जब पानी आधा बचें तो छानकर ठंडा होने तक इंतजार करें। ठंडा होने के बाद इस जल का खाली पेट (सुबह उठते ही व दोपहर बाद) 7 दिन तक नियमित इस्तेमाल करते रहें। ये जल रोज तैयार करना है।

इसको पीने के बाद आधा घंटा तक कुछ भी न खाएं न पिएं। सात दिन गेप देने के बाद यही प्रक्रिया फिर दोहराएं। यह जल कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करता है और ब्लॉकेज भी खोलने में सहायता करता है। अतः हृदय के रोगी यह प्रयोग जरूर करें इससे उनको काफी लाभ होगा।

दिल को स्वस्थ रखने के लिए जीवनशैली में बदलाव

  • हृदय को मजबूत रखने और ब्लॉकेज से बचने के लिए अपनी जीवनशैली में बदलाव करना आवश्यक होता है।

  • दिल के रोगी को नियमित योग, व्यायाम, प्राणायाम आदि एक्टिविटी करनी चाहिए।

  • ह्रदय रोगियों को धूम्रपान, अत्यधिक अल्कोहल, अत्यधिक चाय कॉफी, फास्ट फूड, जंक फूड, तली चीजें, डिब्बाबंद खाद्य व पेय पदार्थ, मलाई, मक्खन, घी, चॉकलेट, आइसक्रीम, अत्यधिक फेट वाला दूध आदि चीजों का सेवन उचित मात्रा में ही करना चाहिए। अगर हो सके तो इनका सेवन बंद कर दें और शरीर को स्वस्थ रखें एवं ह्रदय रोग से अपने आप को बचाएं।

FAQ : Healthy heart के बारे में पूछे गए सवाल

Q1. दिल कमजोर होने के क्या लक्षण होते हैं?

हृदय के कमजोर होने पर काफी लक्षण दिखाई देते हैं इन लक्षणों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए जैसे सीने में जलन या दर्द, उच्च रक्तचाप, सांस लेने में परेशानी, दिल की धड़कन अनियमित होना, पसीना अधिक आना, सांस फूलना, पैरों में दर्द आदि संकेत दिखाई दे तो तुरंत चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए।

Q2. हार्ट मजबूत करने के लिए क्या खाएं?

दिल को हमेशा मजबूत रहने के लिए कुछ पदार्थों का नियमित इस्तेमाल फायदेमंद होता है जैसे सेब, संतरा, अंगूर, जामुन, एवोकाडो आदि ऐसे फल जो हार्ट को मजबूत करने में मददगार है।

Q3. मेरा दिल स्वस्थ है कैसे पता करें?

आमतौर पर दिल के स्वास्थ्य का पता लगाने के लिए ईसीजी करवाई जाती है लेकिन अगर आपकी हार्ट रेट नियमित है यानि 60 से 100 के बीच प्रति मिनिट है तो आपका दिल स्वस्थ है, अनियंत्रित हार्ट रेट दिल के रोगों का संकेत है।

Q4. ईसीजी कब करवाना चाहिए?

दिल की धड़कन अनियंत्रित होने या सीने में दर्द, भारीपन, घबराहट, सांस लेने में परेशानी, अधिक पसीना आना, चलने या कोई काम के दौरान सांस फूलने लगे तो डॉक्टर से सम्पर्क करना और ईसीजी करवाया जाना जरूरी होता है।

 Q5. हार्ट के मरीज को कौन सा तेल खाना चाहिए?

Ans दिल को हैल्दी रखने यानि Healthy heart के लिए जैतून का तेल सबसे अच्छा माना गया है। इसके वर्जिन और एक्स्ट्रा वर्जिन प्रकार बेहद लाभकारी होते हैं। इसमें प्रचुर मात्रा में मोनो अनसैचुरेटेड फैटी एसिड और पॉली अनसैचुरेटेड फैटी एसिड होते हैं। जिनके कारण ह्रदय स्वस्थ रहता है।

Q6. हार्ट को स्वस्थ कैसे रखा जा सकता है?

Ans – दिल को स्वस्थ रखने के लिए तनाव मुक्त रहना और धूम्रपान व अल्कोहल का सेवन नहीं करना चाहिए साथ ही डायबिटीज, बीपी, कोलेस्ट्रोल और वजन को नियंत्रित रखें। फास्ट फूड, जंक फूड, नमक, शक्कर, घी आदि का सेवन कम मात्रा में करें व नियमित योग, व्यायाम व शारीरिक एक्टिविटी करने से भी दिल स्वस्थ रहता है।

Q7. क्या सीने में होने वाला हर दर्द हार्ट रोग से संबंधित होता है?

Ans – सीने के सभी दर्द हार्ट रोग के संकेत नहीं होते हैं। अगर छाती में दर्द के साथ-साथ बांहों व कन्धों, कमर के ऊपरी हिस्से, जबड़े, गर्दन आदि में दर्द हो और सांस लेने में परेशानी व घबराहट हो तो यह लक्षण हार्ट संबंधी समस्याओं के हो सकते हैं।

Q8. हार्ट रोगों से बचने के लिए चेकअप कब करवाना चाहिए?

Ans – आजकल हार्ट का चेकअप 35 वर्ष से अधिक आयु में या जिन्हें उच्च कोलेस्ट्रोल, हाई या लो बीपी, मोटापा, मधुमेह या इस बीमारी का परिवारिक इतिहास हो उनको नियमित हार्ट संबंधी जांच अवश्य करवानी चाहिए।

निष्कर्ष – Conclusion

दोस्तों अगर आपको जिंदगी से प्यार है और आप अपने हृदय और शरीर को हमेशा स्वस्थ रखना चाहते हैं तो हमेशा बॉडी को एक्टिव रखना स्टार्ट करें, क्योंकि हमेशा एक्टिव रहने से ब्लड सर्कुलेशन अच्छा बना रहता है जो Heart care यानि दिल के स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद है।

उम्मीद करते हैं आपको यह आर्टिकल सर्दियों में दिल को स्वस्थ कैसे रखें जरूर पसंद आया होगा, इसलिए कमेंट करके जरूर बताना कि आपको आर्टिकल कैसा लगा तथा इस आर्टिकल को अपने दोस्तों और परिवार के लोगों के साथ शेयर करना ना भूले ताकि किसी का सहयोग करने में आपका भी योगदान हो सके।

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